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Wednesday, September 21, 2022

Use of Hindi Language In Digital Platform, डिजिटल प्लेटफॉर्म में हिंदी भाषा का उपयोग कैसे और कहां हो रहा है


Use of Hindi Language In Digital Platform, डिजिटल प्लेटफॉर्म में हिंदी भाषा का उपयोग कैसे और कहां हो रहा है



डिजिटल इंडिया कार्यक्रम (1.5 MB)- पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है  का उद्देश्य देश को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में परिणत करना है। यह 7 अगस्त 2014 को डिजिटल इंडिया कार्यक्रम (1.5 MB)- पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है  पर प्रधानमंत्री- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है की बैठक के दौरान कार्यक्रम के प्रारूप पर लिए गये महत्वपूर्ण निर्णयों का अनुपालन और सरकार के सभी मंत्रालयों को इस विशाल कार्यक्रम के प्रति जागरूक करने के लिए है जो सरकार के सभी क्षेत्रों पर रोशनी डालती है। यह कार्यक्रम इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीईआईटीवाई) द्वारा परिकल्पित किया गया है।

यह कार्यक्रम वर्तमान वर्ष से 2018 तक चरणबद्ध तरीके से कार्यान्वित किया जायेगा। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम (1.5 MB)- पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है  परिवर्तनकारी प्रकृति का है जो यह सुनिश्चित करेगा की सरकारी सेवाएँ इलेक्ट्रॉनिक रूप से नागरिकों के लिए उपलब्ध हैं।

वर्तमान में अधिकतर ई-गवर्नेंस परियोजनाओं के लिए धन का स्रोत केन्द्रीय या राज्य सरकारों में संबंधित मंत्रालयों / विभागों के बजटीय प्रावधानों के माध्यम से होता है। डिजिटल इंडिया (1.5 MB)- पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है  की परियोजना(ओं) के लिए धन की आवश्यकताओं का आकलन संबंधित नोडल मंत्रालयों/विभागों द्वारा किया जाएगा।


 डिजिटल इंडिया का कार्य-क्षेत्र

भारत को एक ज्ञान भविष्य के लिए तैयार करना

परिवर्तन को साकार करने के लिए महसूस करना - आई टी (इंडियन टैलेंट) + आई टी (इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी =आइ टी (इंडिया टुमौरो)

परिवर्तन को सक्षम करने के लिए प्रौद्योगिकी को केंद्रीय बनाना

एक शीर्ष कार्यक्रम बनना जो कई विभागों तक पहुंचे

यह कार्यक्रम (1.5 MB)- पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है  एक बड़ी संख्या में विचारों और सोंचों को एक एकल और व्यापक दृष्टि में पिरोता है जिससे उनमें से प्रत्येक को एक बड़े लक्ष्य के हिस्से के रूप में देखा जा सके। इस कार्यक्रम का प्रत्येक अंश अपने आप में पूर्ण है साथ ही वह एक बड़ी तस्वीर का हिस्सा है। एक साथ जोड़ने पर यह समग्रता में मिशन को परिवर्तनकारी बना देता है।

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में कई मौजूदा योजनाओं को पुनर्गठित और पुनर्केंद्रित एवं एक सुगठित ढंग से लागू किया जाएगा। डिजिटल इंडिया के रूप में कार्यक्रमों की आम ब्रांडिंग, उनके परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डालता है।


दृष्टिकोण और पद्धति


मंत्रालय/ विभाग/राज्य पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा स्थापित आईसीटी की बुनियादी सुविधाओं का लाभ उठायेंगें।

मौजूदा / चल रहे ई-शासन पहलों का पुर्नोत्थान किया जाएगा एवं उन्हें डिजिटल इंडिया के सिद्धांतों के साथ पंक्तिबद्ध किया जायेगा। स्कोप वृद्धि, प्रोसेस पुनर्रचना, एकीकृत अंतर्प्रयोगात्मक सिस्टम और क्लाउड और मोबाइल जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग नागरिकों को सरकारी सेवाओं के वितरण को बढ़ाने के लिए किया जाएगा।

राज्यों को उनके सामाजिक-आर्थिक जरूरतों के अनुसार प्रासंगिक विशिष्ट परियोजनाओं के पहचान एवं शामिल किए जाने के लिए लचीलापन दिया जाएगा।

ई-शासन नागरिक केन्द्रित सेवा अभिविन्यास सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हद तक एक केंद्रीकृत पहल के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाएगा।

सफलताओं की पहचान की जाएगी और उनकी प्रतिकृति सतत की जाएगी।

जहाँ भी संभव हो सार्वजनिक निजी भागीदारी पसंद की जाएगी।

यूनिक आई डी के उपयोग का प्रोत्साहन पहचान, प्रमाणीकरण और लाभ प्रदान करने के लिए किया जाएगा।

एनआईसी का पुनर्गठन केंद्र और राज्य स्तर पर सभी सरकारी विभागों को आई टी समर्थन मजबूत करने के लिए किया जाएगा।

कम से कम 10 प्रमुख मंत्रालयों में मुख्य सूचना अधिकारी (सीआईओ) का पद बनाया जाएगा ताकि विभिन्न ई-गवर्नेंस परियोजनाओं को तेजी से निर्माण, विकास एवं लागू किया जा सके।

डीईआईटीवाई कार्यक्रम के प्रबंधन के लिए विभाग के भीतर आवश्यक वरिष्ठ पदों का सृजन करेगा।

केन्द्रीय मंत्रालयों / विभागों और राज्य सरकारों को इस कार्यक्रम के तहत विभिन्न मिशन मोड और अन्य परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए समग्र जिम्मेदारी होगी। राष्ट्रीय स्तर पर समग्र एकत्रीकरण और एकीकरण की जरूरत को देखते हुए यह उपयुक्त माना गया कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम प्रत्येक शामिल एजेंसी की अच्छी तरह से परिभाषित भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के साथ एक कार्यक्रम के रूप में को लागू किया जाए।


पृष्ठभूमि : डिजिटल इंडिया कार्यक्रम


हालांकि भारत सॉफ्टवेयर की एक महाशक्ति के रूप में जाना जाता है, फिर भी नागरिकों के लिए इलेक्ट्रॉनिक सरकारी सेवाओं की उपलब्धता अभी भी अपेक्षाकृत कम है। 2006 में अनुमोदित राष्ट्रीय ई-शासन योजना ने मिशन मोड परियोजनाओं और कोर आईसीटी बुनियादी सुविधा के माध्यम से एक सतत प्रगति की है, लेकिन देश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और ई-शासन में प्रभावी प्रगति सुनिश्चित करने के लिए अधिक प्रयास की आवश्यक है। डिजिटल इंडिया (1.5 MB)- पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है  विजन इस पहल को संवेग एवं प्रगति प्रदान करता है और इसमें इलेक्ट्रॉनिक सेवाओं, उत्पादों, उपकरणों, विनिर्माण और रोजगार के अवसरों को शामिल करने से समावेशी विकास को बढ़ावा मिलेगा। 21 वीं सदी में भारत अपने नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रयास करेगा जहॉ सरकार और उसकी सेवाएं नागरिकों के दरवाजे पर उपलब्ध हों और लंबे समय तक सकारात्मक प्रभाव की दिशा में योगदान करें। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम (1.5 MB)- पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है  का उद्देश्य आई टी की क्षमता को इस्तेमाल कर के भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में परिणत करना है।


 


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